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मध्यप्रदेश विधानसभा 2018-गुना शहर निर्वाचन क्षेत्र


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गुना शहर निर्वाचन क्षेत्र , मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश की गुना विधानसभा सीटअहम और महत्वपूर्ण विधानसभा है। यह सीट महत्वपूर्ण इसलिए है ये पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृह जिला में तो है ही, साथ ही सिंधिया राज परिवार के दबदबे वाला इलाका भी है। सीट में अनूसूचित जाति लगभग 37 हजार, ब्राह्मण 20 हजार, मुस्लिम 19 हजार, आदिवासी व कुशवाह 13-13 हजार, धाकड़ 12 हजार, रघुवंशी 11 हजार, जैन 10 हजार व शेष अन्य मतदाता हैं।

विधानसभा की समस्याएं

मुद्दों की बात की जाए तो शहरी इलाके में गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। वहीं बाजारों में ट्रैफिक जाम की समस्या भी लोगों के लिए मुसीबत बन गई है।गुना विधानसभा में केवल गंदगी का मुद्दा बड़ा नहीं है, बल्कि उच्च शिक्षा के संस्थानों का अभाव और सरकारी स्वास्थ्य सेवा की बदहाली भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। वहीं यहां के युवा रोजगार के मौकों की कमी के चलते नाराज नजर आते हैं। इसी तरह बाजारों से लेकर प्रमुख चौराहों तक हर रोज लगने वाला ट्रैफिक जाम, अवैध कॉलोनियों का बेहिसाब विस्तार और सार्वजनिक जगहों में अतिक्रमण भी वोटर्स के लिए बड़ा मुद्दा है।

सीट का चुनावी महत्व

गुना विधानसभा क्षेत्र के सियासी समीकरण बात की जाए तो यहां की जनता किसी एक दल की नहीं रही। लोगों ने कभी कांग्रेस, कभी भाजपा तो कभी दूसरे दलों तक को मौका दिया है। इस बार भी मुकाबला दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा। हालांकि तीसरे दल के रूप में बीएसपी या आम आदमी पार्टी चुनावी समर में उतरकर दोनों सियासी दलों का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।

गुना के सियासी इतिहास की बात की जाए तो 1977 में जनता पार्टी के नेता धर्मस्वरूप सक्सेना ने यहां से जीत हासिल की थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवप्रताप सिंह यहां से 1972, 1980, 1985, 1993 और 1998 में विधायक रहे। इसके बाद 1990 में सीट भाजपा के पाले में आ गई और भाजपा नेता भागचंद सौगानी ने जीत हासिल की थी। 2003 में गुना विधानसभा सीट से भाजपा ने 1998 में हारे कन्हैयालाल अग्रवाल पर दोबारा अपना भरोसा जताया और कन्हैयालाल ने कैलाश शर्मा को 76450 मतों से शिकस्त दी। इसके बाद 2008 में भाजपा प्रत्याशी गोपीलाल जाटव का आवेदन अमान्य हो गया और जनशक्ति पार्टी के बैनर से चुनाव लड़कर भाजपा नेता राजेंद्र सलूजा विधानसभा पहुंचे। 2013 के चुनाव में भाजपा ने पन्नालाल शाक्य को टिकट दिया, जिन्होंने कांग्रेस के नीरज निगम को हराकर गुना विधानसभा सीट पर फतह हासिल की। इस चुनाव में भाजपा को जहां 81444 मिले थे, वहीं कांग्रेस 36333 वोट ही ले पाई। इस तरह जीत का अंतर 45111 वोटों का रहा था।

अंतिम बार 2 नवंबर,2018 को अपडेट किया गया