कर्नाटक | ||
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बॉम्बे कर्नाटक | हैदराबाद कर्नाटक | तटीय कर्नाटक |
केंद्रीय कर्नाटक | दक्षिणी कर्नाटक | बेंगलुरू कर्नाटक |
कर्नाटक परिणाम 2018 – पार्टी के अनुसार सीटें
पार्टी | जीत | अग्रणी | अनुगामी |
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भाजपा | 104 | 0 | 0 |
कांग्रेस | 80 | 0 | 0 |
जनता दल(सेक्युलर) | 37 | 0 | 0 |
अन्य | 3 | 0 | 0 |
विधानसभा के बारे में
एक वैधानिक सभा या विधानसभा भारत के राज्यों का एक विधायी निकाय है। यह राज्य विधानसभा का निम्न सदन है (विधान परिषद उन राज्यों में उच्च सदन है जहां द्विसदनीय विधानसभा है)। विधान सभा एक ऐसी सभा है जिसमें वयस्क चुनावी मताधिकार के माध्यम से राज्य के लोगों द्वारा सीधे चुने गए सदस्य शामिल होते हैं। वैधानिक सभा के चुनावों के माध्यम से, राज्य के मुख्यमंत्री, उनकी मंत्रिपरिषद और शेष विधायक चुने जाते हैं।राज्य विधानसभाओं को आवंटित सीटों की संख्या एक समान नहीं है; यह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है। किसी विशेष विधानसभा के लिए सीटों की संख्या संबंधित राज्यों की आबादी के आधार पर भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित और तय की जाती है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की वैधानिक सभा में 404 सीटों के साथ विधानसभा सीटों की संख्या सबसे अधिक है क्योंकि सभी भारतीय राज्यों में से उत्तर प्रदेश राज्य की आबादी भी सबसे ज्यादा है। इसी प्रकार, सिक्किम की वैधानिक सभा में सिक्किम की सबसे कम आबादी होने के कारण वहाँ केवल 32 सीटें हैं।
विधान सभा की सदस्यता के लिए योग्यता
विधानसभा की सदस्यता की मांग करने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:1. भारत का नागरिक होना चाहिए।
2. उसकी उम्र 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
3. वह मानसिक रुप से स्वस्थ होना चाहिए।
4. उस पर किसी भी सक्षम न्यायालय द्वारा घोषित कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
5. वह दिवालिया नहीं होना चाहिए।
6. वह संबंधित राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता होना चाहिए।
विधानसभा में पीठासीन अधिकारी
अध्यक्ष विधानसभा की सभी बैठकें संचालित करने के लिए उत्तरदायी है और जब अध्यक्ष अनुपस्थित होता है तो उसकी अनुपस्थित में उपाध्यक्ष सदन की अध्यक्षता करता है। अध्यक्ष विधान सभा में बहस और चर्चाओं का संचालन करता है और एक निष्पक्ष निर्णय लेता है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों विधानसभा के सदस्यों के बहुमत से चुने जाते हैं।विधान सभा की विधायी शक्तियाँ
विधायी क्षेत्र में, दोनों सदनों को संविधान द्वारा समान शक्तियां दी गई हैं। कानून बनाना विधानसभा की मुख्य जिम्मेदारी और कार्य है।विधान सभा की विशेष शक्तियां
- कोई भी अविश्वास प्रस्ताव केवल विधान सभा में ही प्रस्तावित किया जा सकता है।
- मनी बिल के मामले में, विधानसभा एकमात्र प्राधिकारी है।
- सामान्य बिलों में, विधानसभा का निर्णय अंतिम होता है।
- दो तिहाई बहुमत से, विधान सभा राष्ट्रपति को विधान परिषद बनाने या भंग करने के लिए कह सकती है।
- इसमें राज्य सूची और समवर्ती सूची में प्रत्येक विषय पर कानून बनाने की शक्तियां हैं।
- वैधानिक सभा के सदस्य भारत के राष्ट्रपति का चुनाव करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विधानसभा और संसद के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
एक सूची जो प्रत्येक राज्य में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या को प्रदर्शित कर रही है।
राज्य | विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या | सत्तारूढ़ पार्टी |
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आंध्र प्रदेश | 175 | तेलुगू देशम पार्टी |
अरुणाचल प्रदेश | 60 | भारतीय जनता पार्टी |
असम | 126 | भारतीय जनता पार्टी |
बिहार | 243 | जनता दल (यूनाइटेड) |
छत्तीसगढ़ | 90 | भारतीय जनता पार्टी |
दिल्ली | 70 | आम आदमी पार्टी |
गोवा | 40 | भारतीय जनता पार्टी |
गुजरात | 182 | भारतीय जनता पार्टी |
हरयाणा | 90 | भारतीय जनता पार्टी |
हिमाचल प्रदेश | 68 | भारतीय जनता पार्टी |
जम्मू-कश्मीर | 87 | पीडीपी - भाजपा गठबंधन |
झारखंड | 81 | भारतीय जनता पार्टी |
कर्नाटक | 224 | जनता दल (सेक्युलर) |
केरल | 140 | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
मध्य प्रदेश | 230 | भारतीय जनता पार्टी |
महाराष्ट्र | 289 | भारतीय जनता पार्टी |
मणिपुर | 60 | भारतीय जनता पार्टी |
मेघालय | 60 | राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी |
मिजोरम | 40 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नागालैंड | 60 | राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी |
उड़ीसा | 147 | बीजू जनता दल |
पंजाब | 117 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पांडिचेरी | 30 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
राजस्थान | 200 | भारतीय जनता पार्टी |
सिक्किम | 32 | सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट |
तमिलनाडु | 234 | अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझागम |
तेलंगाना | 119 | तेलंगाना राष्ट्र समिति |
त्रिपुरा | 60 | भारतीय जनता पार्टी |
उत्तराखंड | 70 | भारतीय जनता पार्टी |
उत्तर प्रदेश | 403 | भारतीय जनता पार्टी |
पश्चिम बंगाल | 294 | अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस |
विधानसभा चुनाव, 2017
कई राज्य विधानसभाएं अपना कार्यकाल पूरा करने और 2017 के चुनाव में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उत्तर भारत में, विधानसभा चुनाव पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में आयोजित किए जाने हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सत्तारूढ़ अकाली-भाजपा गठबंधन से पंजाब को जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। उत्तराखंड में, बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक करीबी टक्कर देखने को मिल सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनावों के रूप में देखा जाता है। आबादी के मामले में भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते, यह लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसदों को निर्वाचित करता है। इस राज्य में चुनाव बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी के बीच होने जा रहे हैं जो कि एक दिलचस्प चौतरफा मुकाबला होगा। चुनाव में जाने वाले अन्य तीन राज्य दक्षिण-पश्चिम में गोवा, पूर्वोत्तर में मणिपुर और वर्ष के अंत में गुजरात होंगे।विधानसभा चुनाव, 2016
विधानसभा चुनाव मई 2016 में चार राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में आयोजित किए गए थे। कांग्रेस के 15 साल के कार्यकाल के समापन के बाद बीजेपी असम के सीमावर्ती राज्य में विजयी हुई। ममता बनर्जी की अगुआई में, सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में एक बार फिर से वापसी की। वहीं दक्षिण में, अन्नाद्रमुक की संस्थापक जयललिता ने भी विरोधी लहर को रोक दिया और उनके प्रतिद्वंद्वी द्रमुक छठी बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बनने में असफल रहे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। केरल में, मुख्य विपक्षी एलडीएफ ने जीत हासिल की, जबकि पुडुचेरी में कांग्रेस की जीत हुई।भारत में विधानसभा चुनाव 2015
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015दिल्ली के 2015 के विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक रहे। चुनाव राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक उथल-पुथल के एक साल बाद हुए थे, जिसमें अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (एएपी) ने एक शानदार जीत दर्ज करके इतिहास बनाया था। आप ने 70 विधानसभा सीटों में से अविश्वसनीय रुप से 67 सीटें जीती, जबकि शेष तीन सीटें भाजपा के हिस्से में आयीं और कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सत्ता से पूरी तरह से विलुप्त हो गई। आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल दूसरी बार राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री बने।
भारत में विधानसभा चुनाव 2014
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014महाराष्ट्र भारत के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह देश का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है जिसमें 110 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं। महाराष्ट्र की राजधानी, मुंबई, भारत की वित्तीय राजधानी भी है। यह राज्य 1,18,809 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है। देश के अन्य राज्यों की तरह, महाराष्ट्र में भी शासन की संसदीय प्रणाली है। राज्य विधायिका में दो सदन निहित हैं: विधान परिषद और विधान सभा। इस राज्य को 288 निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा गया है।
महाराष्ट्र में, पहला विधानसभा चुनाव 1960 में हुआ था जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) विजेता बनकर उभरी थी। उस समय निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 264 थी, जिनमें से 33 अनुसूचित जाति और 14 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थे। हालांकि, 1967 में तीसरे विधानसभा चुनाव के दौरान, निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या बढकर 270 हो गई थी। वर्तमान में, 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से 29 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। 2009 के चुनावों में, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गठबंधन विजयी रहा। कांग्रेस ने 82 विधानसभा सीटें जीतीं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 62 सीटों पर जीत हासिल की। 2004 के विधानसभा चुनावों में 54 सीटों के मुकाबले बीजेपी को केवल 46 सीटें ही मिलीं। राज्य विधानसभा चुनाव 15 अक्टूबर 2014 को आयोजित हुए थे क्योंकि 12 वीं विधानसभा का कार्यकाल 7 दिसंबर 2014 को समाप्त हो रहा था। भारतीय जनता पार्टी 288 सीटों में से 122 सीटों पर जीत हासिल करके अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ उभरकर सामने आई। शिवसेना, जिसे 63 सीटें मिलीं, दूसरी सबसे अच्छी पार्टी रही। इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को क्रमशः 42 और 41 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। बहुत अधिक मतभेदों के बाद, दो सबसे बड़ी पार्टियां - बीजेपी और शिवसेना ने राज्य में गठबंधन की सरकार का गठन किया। बीजेपी और शिवसेना के साथ आने के बाद, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने 31 अक्टूबर 2014 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। फडणवीस महाराष्ट्र के पहले भाजपा मुख्यमंत्री हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014
मुख्यमंत्री राज्य का प्रमुख होता है, जिसके पास सभी कार्यकारी और प्रशासनिक शक्तियां होती हैं। राज्य में एकसदनीय विधानसभा होती है और विधानसभा में 90 सदस्य शामिल होते हैं। राज्य राज्यसभा में पांच सदस्यों को भेजता है, जो संसद का उच्च सदन है और लोकसभा में 10 सदस्यों को, जो निम्न सदन है।हरियाणा भारतीय राष्ट्रीय लोक दल पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के लिए एक युद्ध का मैदान रहा है। 2009 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस विजयी रही और भूपिंदर सिंह हुड्डा को दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया।
हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव 15 अक्टूबर को आयोजित किए गए थे। मतदान सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही चरण में एक साथ हुआ था। चुनावों में 76.54% मतदाताओं द्वारा मतदान करने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। राज्य के मतदाताओं द्वारा कुल 1,351 उम्मीदवारों का भाग्य तय किया गया था। राज्य भर में 16,244 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। 19 अक्टूबर को भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा लोगों के फैसले की घोषणा की गई थी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस केवल 15 सीटें जीत सकती है। 2009 के चुनावों में उसने 40 सीटें जीती थीं और गठबंधन की सरकार बनाई थी। इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने 19 सीटों पर कब्जा किया; जो 2009 में मिली सीटों से 12 सीटें कम थीं।
बाकी पार्टियाँ और स्वतंत्र उम्मीदवार इस चुनाव में ज्यादा कुछ नहीं कर सके क्योंकि तीन प्रमुख पार्टियों ने सीटों के एक बड़े हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया था। हालांकि, मौजूदा मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने 80,693 मतों के साथ गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा सीट पर जीत हासिल की।
हरियाणा राज्य में बीजेपी की जीत के परिणामस्वरूप मनोहर लाल खट्टर की हरियाणा के पहले बीजेपी मुख्यमंत्री के रुप में नियुक्ति की गई। करनाल निर्वाचन क्षेत्र जीते खट्टर ने 82,485 वोट प्राप्त किए। उन्होंने आईएनएलडी के जय प्रकाश गुप्ता को 63,773 मतों के भारी अंतर से हराया। गुप्ता केवल 18,712 वोटे ही हासिल कर सके।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अन्य बीजेपी दावेदारों में भाजपा के हरियाणा राज्य अध्यक्ष राम बिलास शर्मा, बीजेपी किसान मोर्चा के नेता ओ.पी. धनखड, प्रवक्ता अभिमन्यु और विधायक अनिल विज थे। हालांकि, मनोहर लाल खट्टर को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। 26 अक्टूबर 2014 को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014
हिमालय के पहाड़ों में स्थित जम्मू-कश्मीर, पूर्व और उत्तर में चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा को साझा करता है। इस राज्य में जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख नामक तीन क्षेत्र शामिल हैं। श्रीनगर एक ग्रीष्मकालीन क्षेत्र है, और जम्मू एक शीतकालीन क्षेत्र है।जम्मू-कश्मीर के संविधान के तहत, राज्यपाल राज्य का प्रमुख होता है और इसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। उसे मुख्यमंत्री और मंत्रियों की परिषद द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। विधायिका में दो सदन होते हैं: विधान सभा और छोटी विधान परिषद। जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र क्रमशः विधानसभा के लिए 37, 46 और 4 सदस्यों को निर्वाचित करते हैं।
जम्मू-कश्मीर में 2014 के लिए 25 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव पांच चरणों में आयोजित किए गए थे और 20 दिसंबर को समाप्त हुए थे। परिणाम 23 दिसंबर को घोषित किए गए थे। जिसमें पीडीपी को 28 सीटें मिलीं थी। बीजेपी 25 सीटें जीतने वाली राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में जेकेएनसी ने 15 सीटें जीती जबकि आईएनसी को केवल 12 ही सीटें हासिल हुई।
चुनावों में दो सबसे बड़ी पार्टियां, पीडीपी और बीजेपी ने सत्ता को अपने हाथों में लेने और गठबंधन की सरकार बनाने पर वार्ता की, लेकिन किसी भी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहीं। नतीजतन, 9 जनवरी 2015 को राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया।
Last Updated on October 18, 2018