शिरोमणि अकाली दल



Shiromani Akali Dal Symbol

शिरोमणि अकाली दल का इतिहास



शिरोमणि अकाली दल (शिअद), जिसे अकाली दल के नाम से भी जाना जाता है, एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है, जैसा कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसका जन आधार मुख्य रूप से पंजाब राज्य में है।
अकाली दल सिख धर्म की राजनीतिक विचारधारा के साथ दक्षिण पंथी राजनीतिक स्थिति पर काम करता है। दूसरे शब्दों में, शिरोमणि अकाली दल के अस्तित्व का मूल दावा पंजाब और दुनिया भर के सिखों की मांगों को पूरा करने में है। एसएडी स्थिति में चरम दक्षिण पंथी है क्योंकि यह दावा करता है कि धर्म और राजनीति एक-दूसरे के पर्याय हैं और कोई दूसरे के बिना काम नहीं कर सकता है।

'शिरोमणि अकाली दल' नाम से कई राजनीतिक दल हैं। हालांकि, यहाँ देश की सबसे पुरानी क्षेत्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को संदर्भित किया जा रहा है और यह सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में निर्देशित है। कोई भ्रम न हो इसलिए अक्सर इस पार्टी को शिरोमणि अकाली दल (बादल) भी कहा जाता है। दिसंबर 1920 में सिख धार्मिक निकाय, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के एक टास्क फोर्स के रूप में बनाये गये इस नये राजनीतिक दल ने पंजाब में सर्वाधिक जनसंख्या वाले सिख लोगों के हितों को कायम रखने का प्रमुख समर्थक होने का दावा किया है। अकाली दल के प्रथम अध्यक्ष के रूप में सरदार सरमुख सिंह चुब्बल के साथ बरडोली सत्याग्रह के दौरान अपनी सक्रिय भूमिका और वर्ष 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन सहित पार्टी ने भारत की आजादी के संघर्ष में कुछ बहुत शानदार आख्यानों में भाग लिया। इसके अलावा, मास्टर तारा सिंह के नेतृत्व में अकाली दल के कार्यकर्ता सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे और वर्ष 1940 में मुस्लिम लीग द्वारा पारित पाकिस्तान संकल्प के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि पाकिस्तान के एक अलग राष्ट्र के निर्माण को पूर्ववर्ती पंजाब के लोगों के बीच संभावनाओं और सद्भावना के लिए हानिकारक माना गया था।.

मास्टर तारा सिंह के नेतृत्व में अकाली दल अपनी सफलता के चरम पर पहुँच गया। भारत द्वारा अपनी आजादी हासिल करने के बाद, एसएडी ने पंजाबी सुबा आंदोलन में भाग लिया, जिसका नेतृत्व संत फतेह सिंह ने किया था। अकालियों ने अविभाजित पूर्वी पंजाब से तोड़कर एक अलग राज्य बनाने की मांग की, जिसमें क्षेत्र के बहुसंख्यक पंजाबी भाषी लोग शामिल थे। विरोध इतने तीव्र थे कि भारत सरकार भूतपूर्व पूर्वी पंजाब की सीमाओं के पुनर्गठन की मांग पर सहमत हो गयी। अकाली दल के सत्ता में आने के साथ ही वर्ष 1966 में पंजाब का वर्तमान राज्य गठित हुआ था। लेकिन सरकार एसएडी के भीतर गुटवाद के कारण लंबे समय तक नहीं टिकी।

वर्तमान समय में अकाली दल भाजपा के साथ गठबंधन में है। पंजाब विधानसभा चुनाव, 2017 में अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा। जिसमें सत्तारूढ़ अकाली दल को सिर्फ 15 सीटें हासिल हुईं। अकाली दल विभिन्न सिख धार्मिक निकायों जैसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रभाखंड समिति और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति को नियंत्रित करता है। धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई अल्पसंख्यकों की रक्षा के प्रयासों के लिए पार्टी देश के साथ-साथ दुनिया भर में सिखों के बीच अत्यधिक सम्मानित है।

अकाली दल का चुनाव चिन्ह

शिरोमणि अकाली दल का चुनाव चिन्ह तराजू है। तराजू चिन्ह दोनों पक्ष में बराबर के रूप में दिखाया गया है। यह आमतौर पर पार्टी के एक नीले-काले आयताकार ध्वज पर बना होता है। यह चिन्ह लोकप्रिय रूप से अदालत के कमरे के दृश्य में एक महिला जज, जिनकी आंखें काले फीते से बंधी रहती हैं, के द्वारा हाथ में तराजू पकड़े हुए प्रयोग किया जाता है। तराजू पूरी तरह से संतुलित होते हैं, यह सुझाव देने के लिए कि कानून संतुलित है, यह पक्षपाती नहीं है और कानून की नजर में सभी को न्याय दिया जाएगा।

एसएडी द्वारा इसके चुनाव चिह्न में एक समरूप प्रस्तुतीकरण हुआ है। एक पूरी तरह से संतुलित तराजू का चिह्न दर्शाता है कि जब लोकतांत्रिक अधिकारों और सिखों के हितों की बात आती है तब यह पक्षपातपूर्ण या पूर्वाग्रहित नहीं होता है। दूसरे शब्दों में, राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान तथा सिखों की लोकतान्त्रिक परम्पराओं और संस्कृति की सुरक्षा के लिए एसएडी द्वारा की गयीं मांगें पूरी तरह से संतुलित हैं एवं अतिशयोक्तिपूर्ण या नाजायज नहीं हैं। भारतीय संविधान की संवैधानिक संरचना में निर्देशित सामाजिक न्याय, बंधुता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का सख्ती से पालन करते हुए शिरोमणि अकाली दल दुनिया भर में सिख समुदाय की रक्षा के लिए सभी संभव प्रयास करता है।

शिरोमणि अकाली दल के नेता

शिरोमणि अकाली दल के नेता, जो पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी भी हैं, नीचे सूचीबद्ध हैं:
  • प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक: वह पांच बार पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 1969 में मुख्यमंत्री बनने वाले सबसे कम उम्र के सदस्य थे। प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बाद देश का सबसे शक्तिशाली सिख नेता माना जाता है।
  • सुखबीर सिंह बादल, एसएडी के अध्यक्ष: वह प्रकाश सिंह बादल के बेटे हैं और वर्तमान में पंजाब राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। वह वाजपेयी की अगुवाई वाले भाजपा शासन में केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह शिरोमणि अकाली दल के एक बहुत ही प्रभावशाली नेता हैं, क्योंकि पार्टी की सभी नीतियां और योजनाएं उनके सक्षम मार्गदर्शन पर निर्भर करती हैं।
  • हरसिमरत कौर बादल, सांसद: वह सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। वह 16 वीं लोकसभा में पंजाब के भटिंडा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वर्तमान में भारत सरकार के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं
  • परमजीत कौर गुलशन ,लोकसभा सांसद के रूप में 15वीं लोकसभा में पंजाब के फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
  • रतन सिंह अजनाला ,ने भी लोकसभा सांसद के रूप में 15वीं लोकसभा में पंजाब के खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
  • शेर सिंह घुबाया,लोकसभा सांसद के रूप में 16 वीं लोकसभा में पंजाब के फिरोजपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
  • नरेश गुजराल, राज्य सभा सांसद हैं
  • सुखदेव सिंह ढिंडसा, राज्य सभा सांसद और एसएडी के महासचिव
  • बलविंदर सिंह भंडर, राज्य सभा सांसद
  • रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, एसएडी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष
  • बलवंत सिंह रामूवालिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और एसएडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
  • अवतार सिंह हिट, एसएडी के महासचिव
  • दलजीत सिंह चीमा, एसएडी के सचिव और प्रवक्ता

शिरोमणि अकाली दल की उपलब्धियां

पंजाब में एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल के रूप में शिरोमणि अकाली दल की कई उपलब्धियां हैं। इनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं:
  • पार्टी के बैनर तले कई संगठन कार्य करते हैं, जिन्होंने स्वयं के प्रतिनिधित्व वाले वर्गों के हितों को पूरा करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। ये संगठन कुछ इस प्रकार हैं – आल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएसएफ) नामक छात्र विंग, बिक्रम सिंह मजीठिया के अंतर्गत युवा विंग और परमजीत कौर गुलशन के अंतर्गत महिला विंग। ये एसएडी की विचारधारा के तहत काम कर रहे सहायक लेकिन स्वायत्त संगठन हैं।
  • अकाली दल विद्युत परियोजनाओं में हज़ारों करोड़ के निवेश और छोटी विद्युत उत्पादक इकाइयों में भी निवेश करके पंजाब को एक अधिशेष बिजली वाला राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • एसएडी ने पिछली सरकारों की तुलना में राज्य के राजस्व में अधिक वृद्धि दर्ज की है और ऐसा इसलिए क्योंकि यह केंद्र से निधि इकट्ठा करने में कामयाब रही है।
  • किसानों को बढ़ी हुई सिंचाई सुविधाओं, मुफ्त बिजली, और अत्याधुनिक सिंचाई तकनीकों के साथ कम ब्याज दर पर किसान ऋण दिया जा रहा है ताकि पंजाब कृषि उत्पादों का शीर्ष श्रेणी का उत्पादक बनने में अग्रणी हो सके। साथ ही, राज्य में बड़े व्यापारिक घरानों और कॉर्पोरेट लॉबी को निमंत्रण देकर औद्योगिक विकास और वृद्धि सुनिश्चित की जा रही है।
  • एसएडी राज्य में बेहतर आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों का निर्माण करके पंजाब के लोगों के लिए जीवन के बेहतर मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करती है। अपनी नीतियों और प्रशासन के माध्यम से, एसएडी पंजाब की आबादी के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचती है।

पता और संपर्क विवरण

  • एसएडी की आधिकारिक वेबसाइट: http://www.shiromaniakalidal.org.in
  • एसएडी के मुख्य कार्यालय का पता: Block No. 6, Madhya Marg, Sector 28, Chandigarh, Punjab
  • संपर्क सूत्र : 0172-2746383
  • ईमेल : contact@shiromaniakalidal.org.in

एसएडी लोकसभा और विधान सभा चुनाव परिणाम वर्षवार

लोकसभाविधान सभा
राज्यनवीनतम वर्षसीटें जीतींनवीनतम वर्षसीटें जीतीं
पंजाब20144201256
हरियाणा2014020141


31 अक्टूबर, 2018 को अंतिम अपडेट किया गया