राष्ट्रीय मतदाता दिवस





नेशनल वोटर्स डे या हिन्दी में राष्ट्रीय मतदाता दिवस प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है। चुनाव आयोग (ईसी) के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए इसे वर्ष 2011 में पहली बार मनाया गया था।

महत्व

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को वोट देने के अधिकार को प्रोत्साहित करना है। चूंकि देश में बहुत सारे लोग मतदान से दूर रहते हैं, इसलिए इस दिन को मनाने का एक और अर्थ मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना और अंततः लोकतंत्र को मजबूत करना भी है। यह दिन प्रभावी रूप से ऐसा वातावरण बनाता है जिससे वोट करने के लिए प्रेरणा देना आसान हो जाता है।

कुछ तथ्य

हर साल, लाखों लोग मतदान के लिए पात्र आयु वर्ग में प्रवेश करते हैं। तो इस दिन, आयोग उन्हें पहचान पत्र वितरित करता है। यह सर्वेक्षण किया गया है कि युवा मतदाता मतदान में बहुत कम रूचि रखते हैं, जिसके परिणामस्वरूप 18-25 वर्ष की आयु के मतदाताओं का प्रतिशत कम हो जाता है। मतदान दिवस का जश्न मनाने के मुख्य उद्देश्यों में से एक उद्देश्य मतदान प्रक्रिया में युवा पीढ़ी की रूचि को बढ़ाना है। मतदान प्रक्रिया के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, खासकर देश के युवाओं को इसकी तरफ आकर्षित करने के लिए। चुनाव आयोग उन राज्यों का भी ध्यान रखता है जहां मतदाता शक्ति कम होती है और इस मुद्दे पर ध्यान खींचने के लिए मतदान दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उन्हें सूचीबद्ध करता है।

एक त्यौहार की ही तरह इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इसके अलावा, इस दिन को समय और आवश्यकता के अनुसार स्वतंत्र रूप से ढाला जा सकता है। प्रत्येक वर्ष यह दिन एक अलग मुद्दे को अपनाता है और यह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रूपों में मनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, इस वर्ष हरियाणा में, यह दिन रंगोली बनाने, नुक्कड़ नाटकों तथा रैलियों, भाषण प्रतियोगिताओं और निबंध लेखन के साथ चिह्नित है।

निःसंदेह, इस दिन का आकर्षण बहुत बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से स्वयं को मतदाताओं के रूप में पंजीकृत करने का आग्रह किया है।
Last Updated on September 26, 2018