अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लोकसभा चुनाव 2019 – न्यूज अपडेट्स एवं परिणाम

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के चुनाव हेतु त्वरित तथ्य

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 1
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 1
सत्तारूढ़ दल केंद्र
विपक्षी दल केंद्र
मुख्यमंत्रीकेंद्र शासित
राज्यपाल देवेंद्र कुमार जोशी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी चेतन बी. संघी
पता उपलब्ध नहीं


अंडमान निकोबार द्वीप समूह लोकसभा चुनाव 2014 का विवरण

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एकमात्र संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई।
नतीजों की घोषणा होने पर भाजपा उम्मीदवार विष्णुपद रे को विजेता घोषित किया गया। केन्द्र शासित प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप रे को उपविजेता घोषित किया गया।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को सन् 1956 में केन्द्र शासित राज्य घोषित किया गया था। इसका कोई औपचारिक या विधायिका प्रमुख नहीं होता है, लेकिन उप-राज्यपाल द्वारा सरकार का नेतृत्व किया जाता है। भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल का चयन किया जाता है, सन् 2014 में यहाँ के राज्यपाल ए. के. सिंह थे। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में केवल एक लोकसभा क्षेत्र है जो पूरे केन्द्र शासित राज्य का प्रतिनिधित्व करता है। यहाँ पर 2014 तक 15 लोकसभा चुनाव आयोजित किए गए जिसमें से अधिकांश पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की तथा दो चुनाव भाजपा के हाथ लगे। यहाँ पर पिछले लोकसभा चुनाव 10 अप्रैल 2014 को संपन्न हुए। पिछले कई कार्यकालों से कांग्रेस की सरकार तथा 2009 से काबिज भाजपा सरकार को देखते हुए यहाँ पर यह कहना बहुत ही मुश्किल होगा कि जीत किसकी होगी।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रशासन तंत्र

अन्य भारतीय राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्रशासनिक संरचना सन् 1950 के राष्ट्रीय संविधान द्वारा परिभाषित की गई थी। इसका प्रबंधन केन्द्र सरकार द्वारा एक उप-राज्यपाल के माध्यम से किया जाता है जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। मंत्रिमंडल उप-राज्यपाल की सहायता करता है। द्वीपों में निर्वाचित सदस्यों के साथ अपनी विधायिका भी शामिल है।

केन्द्र शासित प्रदेश के मुद्दे

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में जारवा जनजातियों के कल्याणकारी कार्यों तथा वाणिज्यिक गतिविधियों के बीच चला आ रहा संघर्ष यहाँ पर एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है। राज्य में पाँच प्रमुख दलों के बीच हिंसक लड़ाई देखी गई है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का राजनीतिक इतिहास

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अब तक 15 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिनमें से अधिकांश कांग्रेस तथा 2 बार भाजपा जीत चुकी है। लोकसभा चुनाव 1971 से 1998 तक कांग्रेस ने लगातार 8 बार जीत हासिल की है। लेकिन 1999 में भाजपा के हाथों कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। हालाँकि, लोकसभा चुनाव 2004 में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गई लेकिन 2009 में भाजपा के हाथों उसे फिर से हारना पड़ा।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख राजनीतिक दल

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख राजनीतिक दल निम्नलिखित हैं –
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसभारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बहुजन समाज पार्टी भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई (एम

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रशासकों (उप राज्यपालों) की सूची -

अंडमान और निकोबार में सन् 1858 से ब्रिटिश उपनिवेश शुरू हुआ और तभी से इसको एक अंग्रेज अधीक्षक द्वारा शासित किया जाता रहा। फिर सन् 1872 में इस शीर्षक को बदलकर मुख्य आयुक्त कर दिया गया जो कि सन् 1945 तक चला, जब तक कि इस पर जापान ने कब्जा नहीं कर लिया। सन् 1946 में यह द्वीप समूह भारतीय उपमहाद्वीप का एक हिस्सा बन गया। इनामुल मजीद को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का पहला नाममात्र का भारतीय राज्यपाल नियुक्त किया गया। सन् 1982 में भारतीय राष्ट्रपति ने केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासक के शीर्षक तथा कर्तव्यों को बदल दिया और मनोहर एल. कम्पानी को क्षेत्र का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया जिन्होंने नवंबर 1982 को अपना पदभार संभाला। देवेन्द्र कुमार जोशी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मौजूदा उप-राज्यपाल हैं।


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की जनसांख्यिकी

भारतीय जनगणना 2011 से प्राप्त आँकड़ों के मुताबिक, इस केन्द्र शासित राज्य की आबादी लगभग 3,80,000 थी जिसमें 53% पुरुष तथा 47% महिलाएं थीं। यहाँ की लगभग 62% आबादी ग्रामीण तथा 34% शहरी है। लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 878 महिलाएं हैं। यहाँ की आबादी में 70% हिंदू तथा 20% ईसाई हैं। औसत साक्षरता 87% है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रशासकों (उप राज्यपालों) की सूची -

क्रम सं.प्रशासक का नामकब सेकब तक
1एडमिरल (रिटायर्ड) देवेन्द्र कुमार जोशी8 अक्टूबर 2017वर्तमान
2प्रोफेसर जगदीश मुखी (उप राज्यपाल)22 अगस्त 20167 अक्टूबर 2017
3ए. के. सिंह 8 जुलाई 201317 अगस्त 2016
4भूपिंदर सिंह 29 दिसंबर 200630 जून 2013
5मदन मोहन लखेरा 12 फरवरी 200629 दिसंबर 2006
6रामचंद्र "राम" कपसे 5 जनवरी 200430 मई 2006
7नागेन्द्र नाथ झा 26 मई 20014 जनवरी 2004
8ईश्वर प्रसाद गुप्ता 23 दिसंबर 199625 मई 2001
9वाककोम पुरुषोत्तम19 मार्च 199318 मार्च 1996
10सुरजीत सिंह बरनाला दिसंबर 199018 मार्च 1993
11रंजीत सिंह दयाल 25 फरवरी 1990दिसंबर 1990
12रोमेश भंडारी दिसंबर 198924 फरवरी 1990
13तीरथ सिंह ओबेरॉय 4 दिसंबर 1985दिसंबर 1989
14मनोहर एल. कम्पानी12 नवंबर 19823 दिसंबर 1985

Last Updated on January 29, 2019