अंडमान निकोबार द्वीप समूह लोकसभा चुनाव 2014 का विवरण
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एकमात्र संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई।
नतीजों की घोषणा होने पर भाजपा उम्मीदवार विष्णुपद रे को विजेता घोषित किया गया। केन्द्र शासित प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप रे को उपविजेता घोषित किया गया।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को सन् 1956 में केन्द्र शासित राज्य घोषित किया गया था। इसका कोई औपचारिक या विधायिका प्रमुख नहीं होता है, लेकिन उप-राज्यपाल द्वारा सरकार का नेतृत्व किया जाता है। भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल का चयन किया जाता है, सन् 2014 में यहाँ के राज्यपाल ए. के. सिंह थे। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में केवल एक लोकसभा क्षेत्र है जो पूरे केन्द्र शासित राज्य का प्रतिनिधित्व करता है। यहाँ पर 2014 तक 15 लोकसभा चुनाव आयोजित किए गए जिसमें से अधिकांश पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की तथा दो चुनाव भाजपा के हाथ लगे। यहाँ पर पिछले लोकसभा चुनाव 10 अप्रैल 2014 को संपन्न हुए। पिछले कई कार्यकालों से कांग्रेस की सरकार तथा 2009 से काबिज भाजपा सरकार को देखते हुए यहाँ पर यह कहना बहुत ही मुश्किल होगा कि जीत किसकी होगी।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रशासन तंत्र
अन्य भारतीय राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्रशासनिक संरचना सन् 1950 के राष्ट्रीय संविधान द्वारा परिभाषित की गई थी। इसका प्रबंधन केन्द्र सरकार द्वारा एक उप-राज्यपाल के माध्यम से किया जाता है जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। मंत्रिमंडल उप-राज्यपाल की सहायता करता है। द्वीपों में निर्वाचित सदस्यों के साथ अपनी विधायिका भी शामिल है।
केन्द्र शासित प्रदेश के मुद्दे
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में जारवा जनजातियों के कल्याणकारी कार्यों तथा वाणिज्यिक गतिविधियों के बीच चला आ रहा संघर्ष यहाँ पर एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है। राज्य में पाँच प्रमुख दलों के बीच हिंसक लड़ाई देखी गई है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का राजनीतिक इतिहास
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अब तक 15 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिनमें से अधिकांश कांग्रेस तथा 2 बार भाजपा जीत चुकी है। लोकसभा चुनाव 1971 से 1998 तक कांग्रेस ने लगातार 8 बार जीत हासिल की है। लेकिन 1999 में भाजपा के हाथों कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। हालाँकि, लोकसभा चुनाव 2004 में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गई लेकिन 2009 में भाजपा के हाथों उसे फिर से हारना पड़ा।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख राजनीतिक दल
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख राजनीतिक दल निम्नलिखित हैं –
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | भारतीय जनता पार्टी | आम आदमी पार्टी |
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी | बहुजन समाज पार्टी | भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई (एम |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रशासकों (उप राज्यपालों) की सूची -
अंडमान और निकोबार में सन् 1858 से ब्रिटिश उपनिवेश शुरू हुआ और तभी से इसको एक अंग्रेज अधीक्षक द्वारा शासित किया जाता रहा। फिर सन् 1872 में इस शीर्षक को बदलकर मुख्य आयुक्त कर दिया गया जो कि सन् 1945 तक चला, जब तक कि इस पर जापान ने कब्जा नहीं कर लिया। सन् 1946 में यह द्वीप समूह भारतीय उपमहाद्वीप का एक हिस्सा बन गया। इनामुल मजीद को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का पहला नाममात्र का भारतीय राज्यपाल नियुक्त किया गया। सन् 1982 में भारतीय राष्ट्रपति ने केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासक के शीर्षक तथा कर्तव्यों को बदल दिया और मनोहर एल. कम्पानी को क्षेत्र का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया जिन्होंने नवंबर 1982 को अपना पदभार संभाला। देवेन्द्र कुमार जोशी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मौजूदा उप-राज्यपाल हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की जनसांख्यिकी
भारतीय जनगणना 2011 से प्राप्त आँकड़ों के मुताबिक, इस केन्द्र शासित राज्य की आबादी लगभग 3,80,000 थी जिसमें 53% पुरुष तथा 47% महिलाएं थीं। यहाँ की लगभग 62% आबादी ग्रामीण तथा 34% शहरी है। लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 878 महिलाएं हैं। यहाँ की आबादी में 70% हिंदू तथा 20% ईसाई हैं। औसत साक्षरता 87% है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रशासकों (उप राज्यपालों) की सूची -
क्रम सं. | प्रशासक का नाम | कब से | कब तक |
1 | एडमिरल (रिटायर्ड) देवेन्द्र कुमार जोशी | 8 अक्टूबर 2017 | वर्तमान |
2 | प्रोफेसर जगदीश मुखी (उप राज्यपाल) | 22 अगस्त 2016 | 7 अक्टूबर 2017 |
3 | ए. के. सिंह | 8 जुलाई 2013 | 17 अगस्त 2016 |
4 | भूपिंदर सिंह | 29 दिसंबर 2006 | 30 जून 2013 |
5 | मदन मोहन लखेरा | 12 फरवरी 2006 | 29 दिसंबर 2006 |
6 | रामचंद्र "राम" कपसे | 5 जनवरी 2004 | 30 मई 2006 |
7 | नागेन्द्र नाथ झा | 26 मई 2001 | 4 जनवरी 2004 |
8 | ईश्वर प्रसाद गुप्ता | 23 दिसंबर 1996 | 25 मई 2001 |
9 | वाककोम पुरुषोत्तम | 19 मार्च 1993 | 18 मार्च 1996 |
10 | सुरजीत सिंह बरनाला | दिसंबर 1990 | 18 मार्च 1993 |
11 | रंजीत सिंह दयाल | 25 फरवरी 1990 | दिसंबर 1990 |
12 | रोमेश भंडारी | दिसंबर 1989 | 24 फरवरी 1990 |
13 | तीरथ सिंह ओबेरॉय | 4 दिसंबर 1985 | दिसंबर 1989 |
14 | मनोहर एल. कम्पानी | 12 नवंबर 1982 | 3 दिसंबर 1985 |
Last Updated on January 29, 2019