भारतीय राज्यों के चुनाव
भारत के सभी राज्यों की जानकारीइस राज्य निर्वाचन पृष्ठ पर दी गई मौलिक जानकारी का वास्तविक हकदार मतदाता है। विभिन्न सरकारें और भारत के सभी राज्यों में उनके कार्यकाल, उनके मुख्यमंत्री और प्रत्येक राज्य के लिए आवंटित सीटों की संख्या और प्रत्येक राज्य के लिए लोकसभा और राज्य सभा के बारे में सभी आवश्यक जानकारी यहाँ उपलब्ध है। संगत जानकारी देखने के लिए अभी क्लिक करें।
भारत में सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री
क्र.सं. | सदन/राज्य | वर्तमान मुख्यमंत्री | कार्यकाल | लोकसभा सीटें | विधान सभा सीटें | राज्य सभा सीटें |
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1 | आंध्र प्रदेश | चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी) | 8 जून, 2014 - वर्तमान | 25 | 175 | 11 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | पेमा खांडू (भारतीय जनता पार्टी) | 17 जुलाई, 2016 - वर्तमान | 2 | 60 | 1 |
3 | असम | सर्बानन्द सोणोवाल (भारतीय जनता पार्टी) | 24 मई, 2016 - वर्तमान | 14 | 126 | 7 |
4 | बिहार | नीतीश कुमार (जनता दल (यूनाइटेड)) | 22 फरवरी, 2015 - वर्तमान | 40 | 243 | 16 |
5 | छत्तीसगढ़ | डा. रमन सिंह (भारतीय जनता पार्टी) | 07 दिसंबर, 2003 - वर्तमान | 11 | 90 | 5 |
6 | दिल्ली | अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) | 14 फरवरी, 2015 - वर्तमान | 7 | 70 | 3 |
7 | गोवा | मनोहर पर्रिकर (भारतीय जनता पार्टी) | 14 मार्च, 2017 - वर्तमान | 2 | 40 | 1 |
8 | गुजरात | विजय रूपानी (भारतीय जनता पार्टी) | 7 अगस्त, 2013 - वर्तमान | 26 | 182 | 11 |
9 | हरियाणा | मनोहर लाल खट्टर (भारतीय जनता पार्टी) | 26 अक्टूबर, 2014 - वर्तमान | 10 | 90 | 5 |
10 | हिमाचल प्रदेश | जय राम ठाकुर (भारतीय जनता पार्टी) | 27 दिसंबर, 2017 - वर्तमान | 4 | 68 | 3 |
11 | जम्मू - कश्मीर | मुफ्ती मोहम्मद सईद (जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस) | 04 अप्रैल, 2016 - वर्तमान | 6 | 87 | 4 |
12 | झारखंड | रघुबर दास (भारतीय जनता पार्टी) | 28 दिसंबर, 2014 - वर्तमान | 14 | 81 | 6 |
13 | कर्नाटक | बी. एस. येदुरप्पा (भारतीय जनता पार्टी) | 17 मई, 2018 - 19 मई, 2018 | 28 | 224 | 12 |
14 | केरल | पिनाराई विजयन (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) | 25 मई, 2016 - वर्तमान | 20 | 140 | 9 |
15 | मध्य प्रदेश | शिवराज सिंह चौहान (भारतीय जनता पार्टी) | 29 नवंबर, 2005 - वर्तमान | 29 | 230 | 11 |
16 | महाराष्ट्र | देवेंद्र गंगाधर फणनवीस (भारतीय जनता पार्टी) | 31 अक्टूबर, 2014 - वर्तमान | 48 | 288 | 19 |
17 | मणिपुर | नोंगथोम्बम बीरेन सिंह (भारतीय जनता पार्टी) | 15 मार्च, 2017 - वर्तमान | 2 | 60 | 1 |
18 | मेघालय | कोनराड संगमा (नेशनल पीपुल्स पार्टी) | 6 मार्च, 2018 - वर्तमान | 2 | 60 | 1 |
19 | मिजोरम | पु ललथनहवला (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) | 7 दिसंबर, 2008 - वर्तमान | 1 | 40 | 1 |
20 | नागालैंड | नेफियू रियो (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी) | 8 मार्च, 2017 - वर्तमान | 1 | 60 | 1 |
21 | ओडिशा | नवीन पटनायक (बीजू जनता दल) | 5 मार्च, 2000 - वर्तमान | 21 | 147 | 10 |
22 | पांडिचेरी | श्री वी. नारायणसामी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) | 6 जून, 2016 - वर्तमान | 1 | 30 | 1 |
23 | पंजाब | कैप्टन अमरिंदर सिंह (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) | 16 मार्च, 2017 - वर्तमान | 13 | 117 | 7 |
24 | राजस्थान | श्रीमती वसुंधरा सिंधिया राजे (भारतीय जनता पार्टी) | 13 दिसंबर, 2013 - वर्तमान | 25 | 200 | 10 |
25 | सिक्किम" | पवन कुमार चामलिंग (सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रन्ट) | 12 दिसंबर, 1994 - वर्तमान | 1 | 32 | 1 |
26 | तमिलनाडु | एडाप्पडी के. पलानीस्वामी (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) | 16 फरवरी, 2017 - वर्तमान | 39 | 234 | 18 |
27 | तेलंगाना | के. चंद्रशेखर राव (तेलंगाना राष्ट्र समिति) | 2 जून, 2014 - वर्तमान | 17 | 119 | 7 |
28 | त्रिपुरा | बिप्लब कुमार देब (भारतीय जनता पार्टी) | 9 मार्च, 2018 - वर्तमान | 2 | 60 | 1 |
29 | उत्तर प्रदेश | योगी आदित्यनाथ (भारतीय जनता पार्टी) | 19 मार्च, 2017 - वर्तमान | 80 | 403 | 31 |
30 | उत्तराखंड | त्रिवेन्द्र सिंह रावत डोईवाला (भारतीय जनता पार्टी) | 18 मार्च, 2017 - वर्तमान | 5 | 70 | 3 |
31 | पश्चिम बंगाल | कु. ममता बनर्जी (सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस) | 27 मई, 2016 - वर्तमान | 42 | 294 | 16 |
* पीसी, एसी और आरएस सीटें उस राज्य की सीटों की कुल संख्या प्रदर्शित करती हैं।
राज्य चुनाव आयोग
भारत के संविधान में 73वें और 74वें संशोधन की घोषणा के बाद राज्य निर्वाचन आयोग गठित किया गया था। इसका लक्ष्य सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए आम लोगों की पहुंच के दायरे में स्थानीय निकायों के माध्यम से लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का निर्माण करना था।प्रत्येक राज्य के राज्य निर्वाचन आयोग को चुनावी नियमावली की तैयारी के लिए ‘अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण' की शक्तियाँ प्रदान की जाती हैं। शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों जैसे कि नगर निगम, शहरी नगर निगम, टाउन नगर निगम, टाउन पंचायत, जिला पंचायत, तालुक पंचायत और ग्राम पंचायत आदि के चुनाव आयोजित करने के लिए भी आयोग जिम्मेदार है। प्रत्येक राज्य विधि और कानूनों के प्रावधान के अनुसार नियमित रूप से स्थानीय निकायों के चुनाव आयोजित करता है।
स्थानीय स्वशासन चुनाव के नियमों के तहत, पंचायत चुनावों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी, नगरपालिका चुनाव के लिए जिला नगरपालिका निर्वाचन अधिकारी और नगरपालिका निगम चुनाव के लिए नगर निर्वाचन अधिकारी आदि चुनाव से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए नियुक्त किए जाते हैं। लेकिन सभी आरक्षित वर्गों के लिए सीटों का सीमा-निर्धारण और आवंटन, मतदाता सूची और चुनाव कार्यक्रम का प्रबंध केवल राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है।
भारत के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, जहाँ विहित कानून निष्क्रिय हैं या चुनाव संचालन में किसी दी गई परिस्थिति से निपटने के लिए अपर्याप्त प्रावधान बनाते हैं, संविधान के तहत चुनाव आयोग के पास अतिरिक्त शक्तियां उपयुक्त तरीके से कार्य करने के लिए हैं। राज्य चुनाव आयोगों के लिए भी यही विधान है।
नगर निगम
नगर निगमों को महानगर पालिका या महानगर निगम भी कहा जाता है। प्रत्येक निगम में एक समिति होती है जिसमें मेयर (महापालिकाध्यक्ष) और सभासद होते हैं। महापालिकाध्यक्ष प्रमुख होता है। नगर निगमों के सदस्यों को पांच साल के अंतराल पर सीधे जनता द्वारा निर्वाचित किया जाता है। महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। इसके बावजूद भी, विभिन्न नगर निगमों की चुनावों प्रक्रिया एक जैसी नहीं है क्योंकि नगर पालिकाएं राज्य के अधिकार क्षेत्र में होती हैं।भारत में पंचायती राज
भारत में पंचायती राज एक तीन-स्तरीय प्रणाली है जिसमें गांव, ब्लॉक (जनपद) और जिला शामिल हैं।ग्राम पंचायत
पंचायत इस तीन स्तरीय संरचना की मूल इकाई है। यह गांव की एक कार्यकारी समिति है। गांव के लोग प्रत्यक्ष रूप से गांव के प्रतिनिधियों को चुनते हैं। जो लोग मतदाताओं के रूप में पंजीकृत हैं और सरकार के तहत किसी लाभ के पद पर नहीं हैं, पंचायत चुनाव के लिए योग्य हैं। जिन व्यक्तियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड है, वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं। पंचायत में एक निर्वाचित सभापति होता है, जिसे सार्वजनिक रूप से सरपंच कहा जाता है। स्थानीय निकाय होने के नाते पंचायत गांव के सामान्य निकाय, जिसे ग्रामसभा कहा जाता है, के लिए जवाबदेह है।ग्राम पंचायत के कार्य:
ग्राम पंचायत के मुख्य कार्यों में सड़कों, कुओं, विद्यालयों, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सड़क पर प्रकाश की व्यवस्था, पुस्तकालयों और पाठशाला आदि का रखरखाव शामिल होता है। पंचायत गांव में जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड भी रखती है। यह लोगों के बीच के छोटे विवादों को भी हल करती है। यह कृषि संवर्धन, पशु-खेती, कुटीर उद्योग तथा अन्य चीजों के लिए आवश्यक कदम उठाती है।ब्लॉक (जनपद) स्तर
यह तीन-स्तरीय संरचना की मध्यवर्ती संरचना है। सामान्यतः इसके अंतर्गत 20 से 60 गाँव होते हैं। इस स्तर पर एक पंचायत समिति होती है। इसमें शामिल हैं-- लगभग 20 सदस्य (सभी पंचायतों के पंचों द्वारा मनोनीत)।
- दो महिला सदस्य, जिसमें एक अनुसूचित जाति की और एक अनुसूचित जनजाति की हो।
- दो व्यक्ति जिन्हें सार्वजनिक जीवन और शासन व्यवस्था का अनुभव हो।
- सहकारी समितियों के प्रतिनिधि।
- पंचायत समिति का अध्यक्ष, जिसे ब्लॉक प्रमुख कहा जाता है, समिति के सदस्यों द्वारा चुना जाता है। पंचायत समिति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
कार्यः
समिति का मुख्य कार्य इसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सभी पंचायतों के कार्य को समन्वयित करना है। यह सभी विकास कार्यों की देखभाल करती है। समिति की भूमिका राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाएं प्राप्त करने के बाद यह सुनिश्चित करना है कि इन योजनाओं को लागू किया गया है।जिला परिषद
जिला परिषद तीन-स्तरीय प्रणाली के शीर्ष पर है। विभिन्न राज्यों में जिला परिषद की रचना अलग है। परिषद के सदस्य सार्वभौमिक वयस्क निर्वाचक मंडल द्वारा पांच साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं। इसमें न्यूनतम 50 सदस्य और अधिकतम 75 सदस्य हो सकते हैं। जिलाधीश या डिप्टी कमिश्नर भी इसके सदस्य हैं। महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। जिला परिषद का प्रमुख सीईओ होता है।कार्यः
जिला परिषद जिले में विकास से संबंधित सभी कार्यों की देखरेख करती है। सभी लोक-कल्याण कार्यक्रम केवल परिषद द्वारा ही संचालित किए जाते हैं। सड़कों, बच्चों के लिए विद्यालय और अन्य सार्वजनिक इमारतों के निर्माण का उत्तरदाययित्व भी इसका ही है। यह स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा देती है।भारत के विभिन्न राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टियों का मानचित्र
Last Updated on September 11, 2018