असम के दरांग जिले की मंगलदोई सीट पर पिछले तीन चुनावों से भाजपा का कब्जा है। उससे पहले के चुनावों में यहां सत्ता परिवर्तन होता रहा है। इस सीट की 10 विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा, 4 पर बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट, 1 पर कांग्रेस और 1 पर एजीपी काबिज है।
राजनीतिक समीकरण
इस सीट पर 2004 से लगातार भाजपा का कब्जा रहा है, लेकिन उससे पहले यहां की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार मौका नहीं दिया। यानि यहां सत्ता विरोधी लहर चलती रहती थी। कांग्रेस प्रत्याशी महदाब राजबोंगशी को लगातार दो बार 1998 और 1999 में लोगों ने मौका दिया।
इस सीट पर 1967 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी हेम बरुआ ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1971 में कांग्रेस, 1977 में जनता पार्टी, 1985 में असम गण परिषद, 1991 में कांग्रेस, 1996 में असम गण परिषद का कब्जा रहा। 2004 के चुनाव में इस सीट पर पहली बार कमल खिला। भाजपा प्रत्याशी नारायण चंद्र ने कांग्रेस प्रत्याशी को 29 हजार 866 वोटों से हराया। इसके बाद 2009 और 2014 में भाजपा प्रत्याशी रमन डेका लगातार दो बार जीते।
सामाजिक ताना-बाना
असम की मंगलदोई संसदीय सीट में 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 24 लाख 60 हजार 456 है। यहां की 92.85 फीसदी आबादी गांव में रहती है, जबकि 7.15 फीसदी लोग शहर में। 4.6 फीसदी आबादी एससी और 13.89 फीसदी लोग एसटी समुदाय के हैं। 2009 में यहां 69.85 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि 2014 में 81.38 फीसदी। इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 15 लाख 15 हजार 676 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 7 लाख 91 हजार 539 है और महिलाओं की संख्या 7 लाख 24 हजार 137 है। 2018 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां 17 लाख 30 हजार 679 मतदाता हैं।
2014 का चुनाव परिणाम
2014 में भाजपा प्रत्याशी रमन डेका 4 लाख 86 हजार 357 वोटों के साथ सबसे ज्यादा वोट हासिल किए। रमन 22884 मतों से जीते। दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी किरिप छलीहा को 4 लाख 63 हजार 473 वोट मिले। यहां बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रत्याशी सहदेव दास तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 86 हजार 347 मत ही मिले। 10 हजार 722 लोगों ने किसी भी प्रत्याशी को नापसंद करते हुए नोटा का बटन दबाया।
Tags: असम, भाजपा, लोकसभा चुनाव 2019