लोकसभा चुनाव 2019 की सियासी लड़ाई दिन प्रतिदिन रोचक होती जा रही है। यूपी में भाजपा को रोकने के लिए सपा-बसपा ने गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी की। हम इस गठबंधन को एक अवसरवादी गठबंधन भी कह सकते है क्योकि 2019 का महागठबंधन किसी भी प्रकार के लोक कल्यणाकारी कार्य या विकास के लिए नहीं है बल्कि मोदी को रोकने के लिये सियासत का महायोग है। आपको बता दें कि कभी एक दूसरे की साथी रहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने करीब 25 साल बाद एक बार फिर साथ आने का ऐतिहासिक [...]Read more
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा अपने कुनबे को सहेज कर रखने के अलावा और भी कई नए सहयोगियों को जोड़ने में जुटी हुई है। इसका एक ताजा उदाहरण है तमिलनाडु में भाजपा का एआईडीएमके के साथ गठबंधन। तमिलनाडु दक्षिण भारत का एक अहम राज्य है, 39 लोकसभा सीटों वाला यह राज्य दिल्ली की सियासत में भी अहम भूमिका निभाता है। भाजपा इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि दक्षिण भारत में पैर जमाने के लिए उसे वहां की किसी मजबूत पार्टी से गठबंधन करना बहुत ही जरूरी था। तमिलनाडु में 2019 की सियासी लड़ाई [...]Read more
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में दस्तक ने यूपी के सियासी समीकरण को एक बार फिर से उलझा दिया है। यूपी में अब तक भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच सीधी टक्कर को प्रियंका गांधी की एंट्री ने त्रिकोणीय बना दिया है। प्रियंका गांधी की राजनीतिक एंट्री के बाद से अब हर कोई यही सवाल कर रहा है कि क्या एक मजबूत दावेदारी पेश करने का दावा करने वाली कांग्रेस से भाजपा को फायदा मिलेगा? क्या कांग्रेस के इस कदम से मायावती को नुकसान होगा? अगर कुछ सियासी समीकरणों पर नजर [...]Read more
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे देश में एक सियासी माहौल बना हुआ है। वैसे तो देश के हर छोटे-बड़े राज्य की राजनीति में कई बनते बिगड़ते समीकरण नजर आ रहे हैं लेकिन मौजूदा समय में जो राज्य सबसे खास नजर आता है वो है पश्चिम बंगाल। वैसे तो सभी की नजरें लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटों वाले राज्य यूपी पर टिकी हैं लेकिन बीते कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल की सियासत भी अपने चरम पर है। ये लड़ाई कोई एक-दो सीटों की नहीं है बल्कि पूरी सत्ता पाने की है। इस लड़ाई में एक तरफ [...]Read more
जब राज्य की मुखिया ही लोकतन्त्र को दांव पर रखकर सड़क पर प्रर्दशन करने लगे तो वहां की जनता क्या करेगी? आजकल पश्चिम बंगाल के सियासी पैतरे हर मिनट में बदलते हुए नजर आ रहे है। मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आमने-सामने है। कारण चाहे कुछ भी लेकिन देश में जिन नेताओं के ऊपर संविधान की रक्षा और लोकतंन्र को बचाने की जिम्मेदारी हो वही सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे वो भी एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो भष्टाचार का आरोपी हो, तो हमारा [...]Read more
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए आखिरकार प्रियंका गांधी के नाम पर तुरूप का इक्का चल दिया है। लंबे समय से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग थी कि प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारा जाए वो अब पूरी हो चुकी है। इससे पहले प्रियंका गांधी की राजनीति सिर्फ उनके घरेलू क्षेत्र अमेठी और रायबरेली तक ही सीमित रही है। हालांकि अब प्रियंका गांधी के कांग्रेस महासचिव बन जाने के बाद उनका राजनीतिक ग्राफ काफी बढ़ गया है इसके अलावा उन्हें पूर्वी यूपी की कमान भी सौंपी गई है। आपको बता दें कि कांग्रेस की नई नवेली महासचिव [...]Read more
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है। वैसे-वैसे भाजपा के खिलाफ बन रहे महागठबंधन से एक-एक कर सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियाँ अलग होती जा रही हैं। अब यह महागठबंधन उतना ज्यादा मजबूत नजर नहीं आ रहा है। जिसका दावा कुछ महीने पहले तक सभी विपक्षी पार्टियों के द्वारा किया जा रहा था। 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद राहुल गांधी द्वारा महागठबंधन को लेकर जिस प्रकार की सियासी रणनीति तैयार की जा रही थी। उसे देखकर लगता था कि आने वाला लोकसभा चुनाव मोदी बनाम महागठबंधन ही होगा। हालाँकि भाजपा के लिए यह चुनाव अभी भी [...]Read more
केन्द्र की सत्ताधारी मोदी सरकार ने सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब मोदी सरकार के इस फैसले को आम जनता से लेकर सियासी दिग्गज और राजनीतिकार अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। अगर बात करें विपक्ष की तो वह इसे आरक्षण से ज्यादा एक सियासी चाल बता रहा है क्योंकि केन्द्र में बैठी मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले ही यह फैसला क्यों लिया। वह अपने कार्यकाल के साढ़े चार साल चुप क्यों रही और 2019 लोकसभा चुनाव से पहले वह तिलक, तराजू और [...]Read more