लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा एनडीए के सहयोगी दलों को लगातार मनाने में जुटी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एनडीए से नाराज चल रहे सहयोगी दलों को मनाकर साथ चुनाव लड़ने पर राजी करने की कोशिश में लगे हुए हैं। शिवसेना, अकाली दल के बाद अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में अपने सहयोगी अपना दल (एस) को भी मना लिया है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा भी की जाएगी।
भाजपा और अपना दल मिलकर लड़ सकते है चुनाव
अपना दल के अध्यक्ष आशीष पटेल और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को अमित शाह से मुलाकात की इसके बाद उन्होनें आज होने वाली बैठक को रद्द कर दिया है। माना जा रहा है कि अपना दल और भाजपा के बीच सारे गिले शिकवे दूर हो गए हैं। अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल का दावा है कि भाजपा आलाकमान से बातचीत सकारात्मक रही जल्द ही मामले के सुलझने के आसार है। इस मुलाकात के बाद अपना दल (एस) ने गुरुवार को होने वाली अपनी बैठक को रद्द कर दिया है।
आपको बता दें कि अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल ने भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई पर अपनी उपेक्षा करने का आरोप लगाया था। अपना दल ने भाजपा को 20 फरवरी तक अपने मुद्दे का समाधान करने का समय दिया था। अनुप्रिया पटेल ने समाधान न मिलने पर अपनी अलग राह पकड़ने की धमकी तक दी थी। इसके अलावा अपना दल (एस) नेता अनुप्रिया पटेल के कांग्रेस के संपर्क में होने की खबरें भी सामने आई थी कि आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। हालांकि बाद में आशीष पटेल ने कांग्रेस के साथ जाने की बात से इनकार कर दिया था।
भाजपा और अपना दल के अलग होने से दोनों पार्टियों को नुकसान की संभावना लग रही थी। अनुप्रिया पटेल की अमित शाह से मुलाकात को इसी सिलसिले में देखा जा रहा है। अपना दल लोकसभा चुनाव 2019 में अपने लिए तीन सीटें मांग रहा है। अब अगर भाजपा उसे लड़ने के लिए तीन सीटें दे देगी तो दोनों पार्टियाँ एक बार फिर से मिलकर चुनाव लड़ेगी।