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शिवपुरी निर्वाचन क्षेत्र


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निर्वाचन क्षेत्र – शिवपुरी

मध्यप्रदेश में शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों में से शिवपुरी विधानसभा सीट अहम है। हालांकि 2007 के उपचुनाव को यदि छोड़ दे तो 1985 के बाद कांग्रेस इस विधानसभा क्षेत्र से कभी नहीं जीती है। इस विधानसभा क्षेत्र में 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पराजय का सामना करना पड़ा था। 2015 के नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से शिवपुरी से केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रत्याशी हरिओम राठौर को पराजय का सामना करना पड़ा था। इस बार भी जिस तरह से क्षेत्र में जनसमस्याएं व्याप्त हैं। उससे कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की मुश्किलें साफ-साफ नजर आ रही हैं। शिवपुरी सीट पर न किसी जाति और न किसी मुद्दे का जादू चलता है। मध्य प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं। सियासत में इनका कद भले बड़ा हो लेकिन विकास के पैमाने पर शिवपुरी अभी भी छोटा ही माना जाता है।

शिवपुरी में कुल मततादाताओं की संख्या 2,22,539 है। साल 2013 में हुए विधानसभा के चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रघुवंशी को 11145 वोट के अंतर से हराया था। बात अगर वोट प्रतिशत की करें तो भाजपा उम्मीदवार को 51.06 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 43.60 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस के सामने महल से भाजपा का उम्मीदवार होना था।

सीट का चुनावी महत्व

महल फैक्टर होने की वजह से शिवपुरी का सियासी समीकरण बदलेगा ऐसी संभावना कम ही है। हालांकि जहां तक वायदों को पूरा करने की बात है तो वो महल उम्मीदवार होने के बाद भी अब तक अधूरे हैं। शिवपुरी में सिंध नदी का पानी लाने की वायदे को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। मूलभूत सविधाओं को लेकर भी शिवपुरी की जनता परेशान है।

पार्टियों के दावेदार

जहां तक बात दावेदारों की है तो भाजपा प्रत्याशी बदले जाने की संभावनाएं कम ही हैं। हालांकि कांग्रेस में टिकट पाने वालों की कतार लंबी जरूर है। कांग्रेस पार्टी कांग्रेस पार्टी से राकेश गुप्ता दावेदार हैं। यह शहर अध्यक्ष रह चुके हैं राकेश गुप्ता, इनके पिता सावल दास गुप्ता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। दूसरे दावेदार सिद्धार्थ लढ़ा हैं, फिलहाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष हैं।

Last Updated on October 31, 2018